श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र: भगवान राम की पवित्र भूमि
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है। इस क्षेत्र का नाम विशेष रूप से भगवान राम के जन्मस्थल के रूप में माना जाता है, और यहां पर भगवान राम ने अपने भूमिका में अवतारित होकर धरती पर आए थे।
**इतिहास:**
श्रीराम जन्मभूमि का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। महाभारत में इस स्थल को 'आयोध्या' कहा गया है, जो कि भगवान राम के पारिवारिक नगर था। रामायण में श्रीराम का जन्म आयोध्या में हुआ था और उनकी जीवनी यहां से शुरू होकर लंका यात्रा तक कई महत्वपूर्ण घटनाओं से भरी है।
**भगवान राम मंदिर:**
श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र में एक विशेष स्थान है जहां परंपरागत रूप से भगवान राम का मंदिर खड़ा है। इस स्थान को "श्रीराम जन्मस्थान" कहा जाता है और यहां पर एक छोटे से लेकर बड़े मंदिरों का समूह है, जो भक्तों को राम भगवान की पूजा अर्चना के लिए आमंत्रित करते हैं।
**राम मंदिर निर्माण:**
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का निर्माण अत्यंत महत्वपूर्ण और इतिहासपूर्ण है। भगवान राम के भक्तों और आध्यात्मिक समुदाय की आकांक्षा के बाद, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, 2020 में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ।
राम मंदिर का निर्माण भूमि पूजन समारोह के साथ ही आरम्भ हुआ और इसे बहुत से देशवासियों ने उत्साह और श्रद्धाभाव से स्वागत किया। मंदिर की विशेषता यह है कि इसमें अलग-अलग भागों में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, और हनुमान के प्रति विशेष भक्ति स्थल हैं।
**आत्मविश्वास और एकता का प्रतीक:**
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में राम मंदिर का निर्माण न केवल एक धार्मिक स्थल की स्थापना है, बल्कि यह एक विशेष संकल्प और सामूहिक आत्मविश्वास का प्रतीक भी है। इसके माध्यम